Tuesday, August 14, 2012

स्वतंत्रता @ 15 August 2012

क्यों सहम रहा? क्यों ठिठक रहा ? क्यों सोच रहा ?
छोड़ मनन, तर्क-कुतर्क, कौन सफल- असफल?
भीड़ छोड़, क्रांति बन, आन्दोलन बन...

किसे सुहाते भगत राजगुरु बाट जोहते भीड़ की?
78 ही थे दांडी के 240 मील कामार्त्त पथ पर ..

मत उलझ पैमाने मे, इतिहास लिखे जाते साहस के बलिदानों से !
मत खंगाल पुस्तके, रुक.. कल पर ही नजर डाल !
साहस गया, तो "दारा" तेरा देश रोया..
शासक गया, तो देश स्वतंत्रता के "विलास " मे खोया !


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